2.6.21

धनुरासन Bow Pose

 

धनुरासन  Bow Pose

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शरीर को धनुष की आकृति में मोड़ने के कारण इसे धनुरासन कहते हैं।


प्रयोगविधि methodology

भूमि पर आसान बिछा कर पेट के बल लेट जाएं। अपनी टांगों को घुटने से मोड़कर कमर से ऊपरी हिस्से को उठाते हुए हाथों से दोनों पैरों को पकड़ें।  पैरों को पकड़ते समय हाथों की उंगलियां एक तरफ होनी चाहिए।

पहले पांव को बाहर की ओर खोलते हुए साँस बाहर निकालकर अपने घुटनों को ऊपर उठाइयें।  अब साँस खींचकर छाती को उठाएं। पूरी शक्ति लगाकर छाती और पैरों को उठाकर धनुष की आकृति में लाया जाता है। अब साँस छोड़ते हुए आसन खोलें। तत्पश्चात कुछ समय शिथिलासन में आराम करें।

सावधानी caution

इस आसन का अभ्यास आरम्भ में आराम से तथा सावधानीपूर्वक करें। किसी भी प्रकार की जटिलता तथा शरीर के साथ ज़बरदस्ती करने से बचें। यदि पीठ अथवा मेरुदण्ड में किसी प्रकार का चिंताजनक विकार अथवा रोग हो तो इस आसन को नहीं करना चाहिए।

धनुरासन में ध्यान meditation in dhanurasana

ये आसन शारीरिक व्यायाम मात्र है।  इसमें ध्यान नहीं लगाया जाता।

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लाभ Benefit

इस आसन में रीढ़ की हड्डी का व्यायाम होता है। गुर्दे स्वस्थ होते हैं।  पेट के विकार दूर होते हैं। गले एवं फेफड़ों के विकार ठीक करने में सहायक है। कमर लचीली होती है तथा नितम्बों की आकृति एवं वक्ष सुडौल होते हैं।   स्त्रियों के मासिकधर्म एवं गर्भाशय के विकार दूर करने में सहायक होता है।

SultaGohr

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