जन्मकुंडली का फलादेश तथा महादशा विचार
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जन्म कुंडली द्वारा जातक का फलादेश जानने के लिए जातक की कुंडली की शुद्धता पर विचार करना आवश्यक है।
ज्योतिषविद्दा गणित के समान सूत्रों तथा सिद्धांतों के आधार पर ही चलती है। अतः जन्मकुंडली शुद्ध आंकड़ों तथा उचित नियमो का पालन करते हुए ही निर्मित की जानि चाहिए। जिससे जातक के भविष्य का परिशुद्ध अवलोकन किया जा सके।
महादशा विचार
मनुष्य के जीवन में कोन सी घटना कब घटित होगी एवं उसका भविष्य किस प्रकार रहेगा तथा कौन से ग्रह का प्रभाव किस वर्ष पड़ेगा। इन बातों को जानने के लिए ग्रहों की महादशा उनकी अन्तर्दशा तथा प्राणदशा आदि पर विचार करना चाहिए।
कुल महादशाएं 42 मानी गई हैं। यहाँ हम दो महादशाओं का अध्ययन करेंगे क्रमशः
विंशोत्तरी तथा अष्टोत्तरी महादशा
विंशोत्तरी महादशा
विंशोत्तरी महादशा में मनुष्य की आयु 120 वर्ष मानी गई है। इसमें 9 ग्रहों की महादशाओं की गणना की जाती है।
विंशोतरी महादशा का प्रारम्भ सूर्य की महादशा से माना जाता है। उत्तर भारत में अधिकांशतः विशोत्तरी महादशा को मन जाता है।
स्वरशास्त्र के अनुसार जिस जातक का जन्म शुक्ल पक्ष Shukla Paksha में हुआ हो उसके लिए विशोत्तरी महादशा के अनुसार विचार करना चाहिए।
विंशोत्तरी महादशा में विभिन्न ग्रहों की दशा का समय
सूर्य 6 वर्ष sun 6 years
चंद्र 10 वर्ष moon 10 years
मंगल 7 वर्ष Mars 7 years
राहु 18 वर्ष Rahu 18 years
केतु 7 वर्ष Ketu 7 years
गुरु 16 वर्ष jupiter 16 years
शनि 19 वर्ष saturn 19 years
बुध 17 वर्ष Mercury 17 years
शुक्र 20 वर्ष Venus 20 years
इन सभी ग्रहों की सम्मिलित दशा/अवधि को ही विंशोत्तरी महादशा कहा जाता है।
इन्ही के आधार पर सभी ग्रहों की महादशा, अन्तर्दशा तथा प्राणदशा की समान रूप से गणना की जाती है।
विंशोत्तरी महादशा में कौन सी महादशा जातक पर कब लागु होगी इसकी गणना जातक की जन्मकुंडली में स्थित नक्षत्रों के आधार पर की जाती है।
अष्टोत्तरी महादशा
अष्टोत्तरी महादशा में मनुष्य की आयु 100 वर्ष मानी जाती है। इसमें कुल 8 ग्रहों की महादशाओं की गणना की जाती है। अष्टोत्तरी महादशा में केतु की दशा नहीं मानी जाती।
दक्षिण भारत में अधिकांशतः अष्टोत्तरी महादशा को माना जाता है। जिन जातकों का जन्म कृष्ण पक्ष Krishna Paksha में होता है उनके लिए अष्टोत्तरी महादशा के आधार पर विचार करना चाहिए।
अष्टोत्तरी महादशा में विभिन्न ग्रहों की दशा का समय
सूर्य 6 वर्ष sun 6 years
चंद्र 15 वर्ष moon 15years
मंगल 8 वर्ष Mars 8 years
राहु 12 वर्ष Rahu 12 years
गुरु 19 वर्ष jupiter 19 years
शनि 10 वर्ष saturn 10 years
बुध 17 वर्ष Mercury 17 years
शुक्र 21 वर्ष Venus 21 years
अष्टोत्तरी महादशा में केतु की दशा नहीं मानी गई है। अतः 8 ग्रहों की सम्मिलित अवधि को अष्टोत्तरी महादशा कहते हैं।
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