25.5.21

आंजनेयासन/ Crescent Moon Pose

 

आंजनेयासन/अश्वसंचालनासन

Crescent Moon Pose/ Equestrian Pose

Photo by cottonbro from Pexels

इस आसन को आंजनेयासन अथवा अश्व संचालनासन भी कहा जाता है।

सर्वप्रथम भूमि पर घुटनो के बल सीधे बैठ जाएँ। घुटने तथा पैर की उंगलियां भूमि पर लगी हों। अब दाएं पैर को आगे की ओर ले जाएँ तथा पंजा भूमि पर टिकाएं। दायां पैर पंजे से घुटने तक भूमि से ९० डिग्री के कोण की स्थिति में हो। बायां पैर पंजे से घुटने तक भूमि के साथ लगा हुआ हो।

दोनों हाथों को दाएं पैर के साथ भूमि पर लगाएं तथा लम्बी साँस लेते हुए दोनों हाथों को सामने से धीरे धीरे सीधा ऊपर आकाश की ओर ले जाएँ। अब हाथों को जितना हो सके पीछे की ओर ले जाएं जिससे पीठ कमर से थोड़ा पीछे की ओर झुककर वक्राकार स्थिति में आएगी तथा चेहरा आकाश की ओर होगा।

फिर साँस छोड़ते हुए पहले वाली स्थिति में आएं तथा आसन को विपरीत बाएं पैर को आगे के जाकर फिर से दोहराएं। इस प्रकार आंजनेयासन का एक चक्र पूरा होता है। सामन्यता इस आसन के से चक्र तक अभ्यास किए जा सकते हैं।

 आंजनेयासन में ध्यान  Meditation In Crescent Moon Pose

यह मुख्यता एक शारीरिक व्यायम का आसन है। योगीगण इसमें मणिपुर चक्र पर ध्यान लगते हैं।

kike-vega--unsplash 

आंजनेयासन के लाभ Benefits of Crescent Moon Pose

जिगर, बड़ी आंत, रीढ़, कमर को स्वस्थ बनता है। पेट, कमर तथा जांघों की चर्वी को घटाने के लिए उत्तम आसन है। इससे पेशियाँ लचीली होती हैं तथा स्नायु तंत्र को बल मिलता है।

SultaGohr

Author & Editor

0 Comments:

Post a Comment